जवाहर नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा में क्षेत्र के बच्चों का उत्कृष्ट प्रदर्शन, सात बच्चों का हुआ चयन
माता पिता के साथ क्षेत्रवासियों में खुशी का माहौल *********************************** मध्य प्रदेश बालाघाट (खैरलांजी) _ सत्र 2024 और 2025 के लिए आयोजित नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा में क्षेत्र से सात छात्र छात्राओं का चयन हुआ है। इस दौरान 5 विधार्थी जहां निजी विधालय में विद्या अर्जन कर रहे थे वहीं एक छात्रा और छात्र ऐसे भी है जो शासकीय विधालय में पढ़ाई करते हुए नवोदय विद्यालय में प्रवेश पाने में सफल हुए है। सभी की इस सफलता पर जिन सात बच्चों का चयन हुआ है उनमें क्यूटी मुकेश घोड़ेश्वर एकीकृत माध्यमिक विद्यालय किन्ही,समृद्ध विजय सुखदेवे क्रिएटिव इंटरनेशनल एकेडमी भौरगढ़,खुशालसिंह संजय मसखरे,हर्षित गुनेंद्र सुलाखे दोनों आर्मर पब्लिक स्कूल,रुचि राजकुमार मसखरे खैरलांजी,वेदसिंह चौधरी शासकीय प्राथमिक विद्यालय मुरझड़,रूही शैलेश मेश्राम शांति विद्यापीठ भौरगढ़ शामिल है। चयनित बच्चों के प्रवेश पर माता पिता के साथ शाला प्रबंधन समिति,परिचितों और क्षेत्रवासियों ने खुशी जाहिर करते हुए बधाई देते हुए सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा में बच्चों का प्रवेश हो जाए यह सोच प्रत्येक माता पिता की होती है। अधिकतर माता पिता चाहते है कि उनके बच्चें जवाहर नवोदय विद्यालय में प्रवेश लेकर अपना आधार मजबूत बनाए। कक्षा छटवी से बारहवीं तक वहां पर पढ़ाई कर बच्चें होनहार और भविष्य के लिए काफी महत्वाकांक्षी और उद्देश्यपूर्ण बन जाते है। आवासीय विद्यालय के अंतर्गत वहां के माहौल,अनुशासन,दिनचर्या के माता पिता कायल और प्रशंसक होते है। इसलिए प्रत्येक माता पिता विशेष रूप से मध्यम और मजदूर वर्गीय निम्न आय वाले माता पिता के लिए तो इस विद्यालय में प्रवेश पाना किसी सपने से कम नही होता। क्योंकि उच्च आय वाले माता पिता अधिक शुल्क चुकाकर अपने बच्चों को महानगरों या जिला स्तरीय निजी आवासीय विद्यालय,बोर्डिंग स्कूल में प्रवेश दिलवाकर सीबीएससी पद्धति में अच्छी शिक्षा दिलवा सकते है लेकिन मजदूर वर्ग और निम्न आय वाले माता पिता के लिए ऐसे विद्यालयों में प्रवेश दिलाना उनके बूते की बात नही होती। हालांकि इस बात के लिए माता पिता के साथ बच्चों में भी मेहनत के साथ लगन और जूनून होना आवश्यक होता है। इसके बाद माता पिता बच्चों को ऐसे तैयार करवाते है कि उनका चयन नवोदय विद्यालय में हो जाए। इसके लिए बच्चों की कोचिंग से लेकर प्रवेश परीक्षा तक विशेष मार्गदर्शन और प्रश्न पत्र हल करने की तकनीक की आवश्यकता होती है। ऐसे माहौल के साथ बच्चें मेहनती और लगनशील हो तो निश्चित ही वैसे बच्चों का प्रवेश होना संभव हो जाता है।